मनु वैरागी...
Tuesday 8 September 2015
कलम ने रो रो के दुहाई दे दी
मेरा हर लफ्ज़ दर्द उगलता हैं
मेरा हर लफ्ज़ सिसक सिसक के रोता हैं।
लिखा था कागज़ के टुकड़ो पर...
कलम ने रो रो के दुहाई दे दी।
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